The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता shiv chalisa lyricsl है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई shiv chalisa lyricsl

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

लिङ्गाष्टकम्

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